Browsing Tag

Sazal gupta @poeat @Poetry

मैं भी पागल हूं और पागल सारा जमाना है – सजल गुप्ता

लगता है संसार पागलखाना है मैं भी पागल हूं और पागल सारा जमाना है अंधकार चारों ओर है हर तरफ शोर है मैं पढ़ रहा अवस्था में जीवन बीतता रहा दिन बीत रहे थे रातें गुजर रही थीं जीवन में बेबसी थी लाचारी थी मजबूरी थी गुजर रहा था मेरा जीवन बेबसी
Read More...