मैं भी पागल हूं और पागल सारा जमाना है – सजल गुप्ता
लगता है संसार पागलखाना है मैं भी पागल हूं और पागल सारा जमाना है अंधकार चारों ओर है हर तरफ शोर है मैं पढ़ रहा अवस्था में जीवन बीतता रहा दिन बीत रहे थे
रातें गुजर रही थीं जीवन में बेबसी थी लाचारी थी मजबूरी थी गुजर रहा था मेरा जीवन बेबसी…
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