ADITYA MISHRA:
चोरी बचाने के लिए जिस गति से तकनीक में विकास किया जा रहा है उसी गति से चोरी करने भी अपने तकनीक विकसित करने में लगे रहते हैं और कई बार तो चोरी ऐसी करते हैं कि सरकारी विभाग देखते रह जाते हैं।
देशभर में विद्युतीकरण के बाद अब स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। स्मार्ट मीटर को लेकर विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इस मीटर को चकमा नहीं दिया जा सकता। विभागीय लोग अब तक यह मानते आ रहें हैं कि यह मीटर बहुत ही स्मार्ट काम करता है जिससे बिजली की चोरी संभव नहीं है।
लेकिन, गोरखपुर में स्मार्ट मीटर को चकमा देकर 45 लाख के बिजली चोरी का मामला सामने आया है। दैनिक जागरण के रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर के शाहपुर उपकेंद्र ऊंचवा फीडर से भरपुरवा निवासी इमरान खान और अहमद खान को कनेक्शन दिया गया है। लेकिन बर्फ की फैक्ट्री चलाने वाले दोनों भाइयों ने मीटर समेत विभाग को ऐसा चकमा दिया है की अब अधिकारी सकते में हैं।
नियम को ताक पर रख दिए गए थे चार कनेक्शन
रिपोर्ट के अनुसार दोनों ने चार-चार किलोवाट के दो-दो कनेक्शन लिए हैं। नियमानुसार एक परिसर में तब तक दो कनेक्शन नहीं दिए जा सकते हैं जब तक दो परिवारों के रहने की पुष्टि न हो जाए। इस नियम को ताक पर रखकर बिजली निगम के अफसरों ने चार कनेक्शन जारी कर दिए।
ऐसे दिया मीटर को चकमा
मीटर लगाने के दौरान कनेक्शन में एक काली तार होती है, दूसरी लाल जो अलग अलग फेज में लगी होती है, इस कनेक्शन को न्यूट्रल कहा जाता है। इनके यहां लगे मीटरों में भी कनेक्शन ठीक ही लगाए गए थे। लेकिन, बिजली निगम के अफसरों को चकमा देने के लिए लाल तार पर काला और काले तार पर लाल रंग का टेप चिपका दिया था। ताकि जांच के लिए आए कर्मचारी न्यूट्रल को फेज मानकर जांच करें और गड़बड़ी का पता न चले। इसके बाद न्यूट्रल को उपकरणों की सहायता से खराब कर दिया था। इससे स्मार्ट मीटर में बिजली आ रही थी और परिसर में जा रही थी लेकिन रीडिंग दर्ज नहीं हो रही थी। यानी स्मार्ट मीटर के अंदर से ही बिजली को बाइपास कर दिया गया था।
अधिकारियों ने क्या कहा?
बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि दोनों भाइयों के परिसर से स्मार्ट मीटर जब उतारा गया तो उसकी सील बिल्कुल सही थी। यानी बिजली चोरी के सभी उपाय मीटर सील होने के पहले किए गए। इसमें बिजली निगम और लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है।
उन्होने बताया, स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी का संदेह चार दिन पहले हुई विशेष जांच अभियान में ही हो गया था। नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर के अधिशासी अभियंता अतुल रघुवंशी के निर्देश पर मीटर के साथ ही एलएंडटी के भी अफसरों को बुला लिया गया था। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया थी।
ऐसे पकड़ी गई चोरी
अधिकारियों ने कहा, चोरी इस तरह की जा रही थी कि पकड़ने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी। घटनास्थल की पूरी बिजली कनेक्शन काटी गई, फिर दुसरा मीटर लगाकर लाइट दी गई और हीटर जला कर देखा गया तब जाकर चोरी की पुष्टि हो सकी।
इसके बाद दोनों भाई फरार हैं।
चोरी पकडऩे वाली टीम में एसडीओ विवेक सिंह, सहायक अभियंता मीटर धिवेश कुमार, मोतीलाल भारद्वाज, बृजेश त्रिपाठी, कृष्णमोहन यादव, पंकज पासवान शामिल रहे। एंटी थेफ्ट बिजली थाना के प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह ने कहा कि विजिलेंस के प्रभारी दिनेश मिश्र की तहरीर पर एफआइआर दर्ज की गई है।
साभार,इनपुट्स: dainikjagran