जानिए शुभ्रमण्यम स्वामी ने सरकार को किस संकट के लिए चेताया
स्वामी ने श्रीलंका के आर्थिक और राजनितिक संकट के बीच भारत सरकार से सेना भेजने की वकालत की
Aditya Mishra: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने श्रीलंका के राजनितिक संकट पर मोदी सरकार के लिए बड़ी बात कही है। श्रीलंका में बीते दिनों प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रधानमंत्री आवास पर भीड़ द्वारा हमला और उनके बाथरूम में नहाने, सोफा पर बैठने, बेड पर लेटने और कुछ सामानों को क्षति पहुंचाने आदि के बाद और पुर्व प्रधानमन्त्री के देश छोड़ कर भागने की खबर पर सुभ्रमण्यन स्वामी ने कहा है कि ऐसे हालात में भारत को श्रीलंका को सैन्य मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
स्वामी ने ट्वीट कर कहा– “गोटाबाया और महिंदा राजपक्षे दोनों ही प्रचंड बहुमत के साथ एक स्वतंत्र चुनाव में चुने गए थे। भारत भीड़ को ऐसे वैध चुनाव को पलटने की अनुमति कैसे दे सकता है? तब हमारे पड़ोस का कोई भी लोकतांत्रिक देश सुरक्षित नहीं रहेगा। अगर राजपक्षे भारत की सैन्य मदद चाहते हैं तो हमें देनी चाहिए।”
both Gotabaya and Mahinda Rajapaksha were elected in a free election with thumping majority. How can India allow a mob to overturn such a legitimate election? Then no democratic country in our neighbourhood will be safe. If Rajapaksa wants India’s military help we must give
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 10, 2022
इसके पहले स्वामी ने रविवार को एक ट्वीट के माध्यम से कहा थ, ‘किसी लोकतंत्र में उसके संविधान की रक्षा के लिए भारत को अवश्य आर्मी भेजनी चाहिए। वर्तमान में भारत विरोधी ताकतें लोगों के गुस्सा का लाभ लें रहे हैं। यह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।’
सेना भेजे जाने के अफवाहों का सरकार ने किया खंडन
बता दें कि श्रीलंका सहित भारत में सोशल मीडिया में इस तरह की खबरें बहुत तेजी से वायरल हो रहीं है कि भारत सैन्य दखल दे सकता है। लेकिन भारत ने साफ तौर पर इसका खंडन किया है। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि भारत द्वारा श्रीलंका में अपनी सेना भेजने के बारे में मीडिया और सोशल मीडिया में रिपोर्टों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। ये रिपोर्ट और ऐसे विचार भारत सरकार की स्थिति के अनुरूप नहीं हैं।
प्रदर्शनकारी भीड़ ने राष्ट्रपति भवन को कब्जे में लिया, कर रहें हैं राष्ट्रपति की तलाश
श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है। सभी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में ले लिया है। भीड़ का कहना है कि बदलाव के जिस वक्त का हम इंतजार कर रहे थे, वो आ गया है। वहीं, राष्ट्रपति राजपक्षे ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का एलान कर दिया है। इतना ही नहीं बढ़ती हिंसा को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पहले ही इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों के डर से राष्ट्रपति गोतबाया रविवार रात आर्मी हेडक्वार्टर में छिप गए थे लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज सुबह उन्होंने वहां से भी अपना ठिकाना बदल लिया है। फिलहाल उनका पता नहीं चल रहा है आखिर वे छिपे कहां हैं।हालांकि, प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति को हर जगह तलाश रहे हैं।
श्रीलंका सेना प्रमुख ने क्या कहा?
श्रीलंका के सेना प्रमुख ने लोगों से शांति की अपील की है। श्रीलंका के सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए। उन्होंने लोगों से मुद्दे को एकजुट होकर हल करने की मांग की है।
बता दें कि, श्रीलांका में बीते कई महीनों से आर्थिक और राजनितिक संकट के कारण लोगों में व्यापक रोष है। श्रीलंकाई जानता अब हिंसक भीड़ में तब्दील हो चुका है। लेकिन नेता और अधिकारी शांति की अपील कर रहे है, जिसका कोइ खास प्रभाव लोगों पर नहीं पड़ रहा है।