पुलवामा की तीसरी बरसी, हमला जिसने भारत को दहला दिया था
भारत ने इसके बदले दर्जन भर पाकिस्तानी सुरक्षा बल के जवान सहित, 300 तक आतंकवादियों को मारा था
वेलेंटाइन का दिन प्यार का होता है, लेकीन इस दिन पाकिस्तानी नफ़रत ने भारत पर हमला कर पूरी दुनिया को दहला दिया था। यह हमला देश के इतिहास में जम्मू कश्मीर की एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। आतंकियों ने तीन साल पहले देश के सुरक्षाकर्मियों पर आईईडी से हमला किया था। इस हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे।
दरअसल जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे कार से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी इस टक्कर के बाद एक जोरदार धमाका हुआ और बस में ड्यूटी पर जा रहे सीआरपीएफ के 44 जवानों के क्षत विक्षत शरीर जमीन पर बिखर गए थे।
इस हमले को अंजाम देने वाले इस्लामिक आतंकी (Islamic Tarrorist) आदिल (Adil), कारी यासिर (kari Yasir), सज्जाद भट्ट (Sajjad Bhatt), उमर फारूक (Umar Farukh), मुदसिर अहमद खान आदि सभी भारतीय सुरक्षाबलों के शिकार हो चुके हैं। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी अहम भूमिका निभाई थी। NIA ने अगस्त 2020 को पुलवामा हमले को लेकर साढ़े तेरह हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 19 आरोपियों के नाम शामिल किए गए थे, जिनमें से 6 मारे जा चुके है।
जैश ए मोहम्मद की थी साजिश
NIA की चार्जशीट में बताया गया कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने आईएसआई समेत पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर साजिश रची और पुलवामा हमले को अंजाम दिया। चार्जशीट में जिन 13 जीवित आरोपियों के नाम हैं, उनमें सबसे ऊपर जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर (Masood Azhar) और उसके दो भाइयों- रऊफ असगर मसूद और मौलाना अम्मार अली है। सबूत जुटाने में अमेरिकन एजेंसी FBI की भी मदद ली गई।
मसूद अजहर मुख्य षड्यंत्रकारी
चार्जशीट में पाया गाया कि मसूद अजहर ही मुख्य षड्यंत्रकारी था। मसूद अजहर चार्जशीट में पहला आरोपी है, जिसने पाकिस्तान और उसकी एजेंसी की मदद से कश्मीर के पुलवामा में इतना बड़ा आतंकी हमला किया। मसूद अजहर के दो भाइयों- रऊफ असगर और अम्मार अल्वी, ने कश्मीर स्थित आतंकियों का ब्रेनवॉश कर आत्मघाती बनने के लिए तैयार किया।
CRPF की हर कदम पर नज़र रखी जा रही थी
आरोपी शाकिर की ही जिम्मेदारी थी की वह हमले को अंजाम तक पहुंचाए शाकिर लेतपुरा, पुलवामा में फर्नीचर की दुकान चलाता था। उसी ने CRPF के काफिले पर नज़र रखी और पल पल की जानकारी आतंक के सरगनाओं तक पहुंचाई।
कश्मीर के बडगाम के रहने वाले इकबाल राठेर ने पाक स्थित जैश कमांडरों के निर्देश पर जम्मू कठुआ-सांबा बॉर्डर से करीब 22 आतंकियों की घुसपैठ कराई थी। इकबाल राठेर ने NIA के सामने कबूला कि अंधेरी रात का फायदा उठाकर उसने आतंकियों की घुसपैठ कराई थी।
हमले के बाद भारत का बदला
हमले के बाद आतंक के खात्मा के लिए जम्मू कश्मीर में जवानों ने मिलकर संयुक्त अभियान चलाया। सीआरपीएफ का दावा है कि इस अभियान में पिछले 3 वर्षों में जम्मू कश्मीर में 1000 आतंकियों को मार गिराया गया है।
हमले के बाद की पुरी कहानी, भारत ने 12 दिनों में ही लिया बदला,
भारत ने बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश कैंप पर महज 12 दिनों के अंदर हमला किया कर 250 से अधिक आतंकवादियों को मिट्टी में मिला दिया था।
14 फरवरी, यानी जिस दिन आतंकी हमला हुआ, उसके एक दिन बाद पंद्रह तारीख को CCS की बैठक हुई। इस बैठक में सुरक्षा बलों के अधिकारी, अजीत डोवल, NIA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान से बदला लेने के लिए सभी संभव विकल्प दिए।
जिस प्रकार उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था, इस बार तय हुआ था कि किसी दूसरे तरीके से हमला किया जाएगा। लंबे मंथन के बाद हवाई हमले (Air Strike) को फाइनल किया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से NSA अजित डोभाल को इस प्लान की जिम्मेदारी दी गई। अजित डोभाल और तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने पूरे एक्शन का रूपरेखा (blueprint) तैयार किया। इसी दौरान तय हुआ कि बालाकोट में मौजूद जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा।
वायु सेना की जांबाजी, से संभव हुआ ऑपरेशन
जब जगह तय कर ली गई उसके बाद सभी एजेंसियों ने इनपुट निकालना शुरू किया। RAW और IB ने जैश के ठिकानों की पुख्ता जगह निकालना शुरू किया। भले ही इस हमले में वायुसेना का अहम रोल था, लेकिन थल सेना को भी अलर्ट पर रखा गया। खासकर LoC के पास वाले इलाके में जवान पूरी तरह सतर्क थे।
एयरस्ट्राइक से 2 दिन पहले ही प्लान तय हुआ कि मिराज 2000 (MIRAJ 2000) के साथ AWACS को भी तैनात किया जाएगा। इन्हें ग्वालियर में तैनात किया गया, साथ ही आगरा बेस को भी अलर्ट पर रखा गया था। पीएम मोदी, एनएसए अजित डोभाल और बीएस धनोआ लगातार हर अपडेट की जानकारी ले रहे थे। 25 फरवरी 2019 की शाम ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे लोगों के फोन बंद कर दिए गए।
26 फरवरी की रात हमले के लिए तैयार मिराज 2000 ने भरी उड़ान
इस पुरी प्रक्रिया के दौरान पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम पर निगाह रखने को कहा गया था। 26 फरवरी की देर रात मिराज 2000 ने ग्वालियर से उड़ान भरी तो आगरा, बरेली के एयरबेस को भी अलर्ट पर रखा गया। 12 मिराज विमान सुबह करीब तीन बजे पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट में बम बरसाने शुरू कर दिए। इस दौरान पाकिस्तान के एफ16 विमान एक्टिव हो गए लेकिन तबतक भारत की वायुसेना अपना काम कर चुकी थी।
भारतीय वायुसेना के एक्शन में बालाकोट में मौजूद जैश ए मोहम्मद के ठिकाने तबाह कर दिए गए थे। इस हमले में यूं तो 400 तक की संख्या में आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया, लेकीन पाकिस्तान ने भी 250 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की ख़बर बताई, इसमें आतंकियों के साथ कैंप में रह रहे पाकिस्तानी सुरक्षा बल के दर्जन भर जवान भी मारे गए थे। हमले के तुरंत बाद पीएम मोदी ने बड़े अफसरों के साथ साउथ ब्लॉक में बैठक की थी, और फिर प्रेस कांफ्रेंस और ट्वीट का दौर शुरु हो गया।
आदित्य मिश्रा