पटना। आईसीएआर की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज, क्लाइमेट चेंज पर भी मंथन बामेती में 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक जुटे युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित कर उन्हें जोड़े रखने के लिए आईसीएआर,अटारी पटना जोन की मेजबानी में दो दिनों की राष्ट्रीय कार्यशाला का आगाज बुधवार को हुआ। आईसीएआर, कृषि प्रसार के उप महानिदेशक डाॅ. यू एस गौतम और बिहार की पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डाॅ. एन विजयलक्षमी ने संयुक्त रूप से इसका उद्घाटन किया। पटना के बामेती सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में देशभर के 100 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। अपने संबोधन में डाॅ. यू एस गौतम ने कहा कि भारत में 52 प्रतिशत ग्रामीण युवा आबादी है। उन्हें कृषि और कृषिगत व्यवसाय से जोड़ना है। इसके लिए आईसीएआर अटारी की ओर से ‘Attracting and Retaining Youth in Agriculture’ यानी आर्या (ARYA) परियोजना चलाई जा रही है। इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी।
आर्या परियोजना के तहत भारत सरकार की यह कोशिश है कि गांवों में रह रहे युवाओं को गांवों में ही आमदनी के अच्छे अवसर मिल जाएं ताकि वे आमदनी की तलाश में शहरों की ओर पलायन न करें। डॉ. गौतम ने कहा कि इसके लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान की जा रही है। कृषि विज्ञान केन्द्रों की नई भूमिका क्लाइमेट चेंज को लेकर भी है। बदलते क्लाइमेट में किसानों के लिए मल्टी लेयर इनकम जनरेशन सिस्टम तैयार करना कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए नई चुनौती है। किसानों को आधुनिक खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गीपालन एवं अन्य संबंधित व्यवसाय से अर्थोपार्जन कराने के लिए उन्हें स्किल्ड किया जा रहा है। आईसीएआर कृषि प्रसार उप महानिदेशक ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के खाली पदों को भरने के लिए नई नीति बन रही है। नई नीति में कृषि विज्ञान केन्द्रों की जिम्मेदारी बढ़ेगी।
इसके लिए नई गाइडलाइन बन रही है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में कृषि विज्ञान केन्द्र अहम भूमिका निभाएंगे। इस अवसर पर बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव डाॅ. एन विजयलक्षमी ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों को सुदृढ़ करने की जरूरत है। पशु एवं मत्स्य पालन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कृषि जीडीपी का 30 प्रतिशत पशुपालन एवं मत्स्य पालन से आता है। कृषि से जुड़े इन क्षेत्रों से किसानों की आय बढ़ रही है। डेयरी के क्षेत्र अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए डाॅ. विजयलक्ष्मी ने कहा कि बिहार में अभी प्रतिदिन 50 लाख लीटर दूध का उत्पादन एवं प्रसंस्करण हो रहा है। डेयरी के क्षेत्र में भारत का दूनिया में पहला स्थान हो गया है।
अपर मुख्य सचिव ने युवाओं को कृषि एवं कृषिगत व्यवसाय के लिए सही दिशा, प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन की जरूरत बताई। उन्होंने एग्रीप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस अवसर पर आईसीएआर अटारी, पटना जोन के निदेशक डाॅ. अंजनी कुमार ने स्वागत संबोधन किया। कृषि विशेषज्ञ राकेश कश्यप ने मंच संचालन किया। जबकि आईसीएआर, नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. केशव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर आईसीएआर कृषि प्रसार के सहायक महानिदेशक डाॅ. आर के सिंह, आईसीएआर, पटना के निदेशक डाॅ अनूप दास, आईसीएआर अटारी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ मोनोब्रुल्लाह, डॉ. तेजस्वनी कपिल शीर्षत, डॉ अमरेन्द्र कुमार, डॉ. डी.वी. सिंह, डॉ प्रज्ञा भदौरिया समेत बड़ी संख्या में कृषि विज्ञानिक मौजूद थें।