कॉमन युनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पर लगी मुहर, नेट और जेआरएफ की वैलिडिटी भी एक वर्ष बढ़ाई गई
सवालों के जवाब देते हुए प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया कि सीयूईटी के कारण बोर्ड परीक्षाओं की अहमियत कम नहीं होगी। सीयूईटी सभी को कक्षा 12वीं एनसीईआरटी (NCERT) के सिलेबस के आधार पर प्रवेश परीक्षा एक परीक्षा समानता को बढ़ावा देगी।
ADITYA MISHRA:
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सोमवार को जेआरएफ (JRF) की वैधता को एक वर्ष बढ़ाने का फैसला किया है। यानी तीन साल की अवधि को एक वर्ष आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है की सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक प्रवेश परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी।
० किसे मिलेगा छूट का लाभ
यूजीसी ने कहा कि इस निर्णय का लाभ केवल उन्हीं यूजीसी नेट योग्य उम्मीदवारों पर लागू होगा जिनकी प्रवेश प्रक्रिया कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुई थी। बता दें कि यूजीसी नेट और JRF परीक्षा की तारीखों की घोषणा NTA द्वारा 22 अक्टूबर, 2021 को यूजीसी नेट यूजीसी NET की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी एक अधिसूचना के माध्यम से की गई थी। 2021 की परीक्षा 20 नवंबर से 05 जनवरी, 2022 तक आयोजित की गई थी। यहां जिन उम्मीदवारों ने यूजीसी नेट दिसंबर 2020 के लिए पंजीकरण किया था, लेकिन आवेदन प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ थे, उन्हीं छात्रों के लिए यह छूट लागू होगी।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित होने वाली विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी नेट) साल में दो बार होती है। यह एक राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षा है। इसका आयोजन भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ‘सहायक प्रोफेसर’ और ‘जूनियर रिसर्च फेलोशिप और सहायक प्रोफेसर’ के पद के लिए उम्मीदवारों की पात्रता निर्धारित करने के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।
इसके साथ ही यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए कॉमन युनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट साल में दो बार कराए जाने की तैयारी है। इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के साथ बातचीत हो चुकी है। प्रो० जगदीश ने कहा कि अगले सत्र से CUET यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को वर्ष में दो बार आयोजित किया जाएगा।
UGC has decided to extend the validity period of the JRF award letter up to one year (beyond the three year period) for all those UGC NET qualified candidates whose admission process was affected due to COVID 19 pandemic situation. The notification is being issued. pic.twitter.com/BWj90kGklO
— Mamidala Jagadesh Kumar (@mamidala90) March 28, 2022
०बोर्ड परीक्षाओं के अंको का क्या होगा?
सवालों के जवाब देते हुए प्रोफेसर जगदीश कुमार ने बताया कि सीयूईटी के कारण बोर्ड परीक्षाओं की अहमियत कम नहीं होगी। आगे प्रोफेसर कुमार ने कहा कि कोचिंग प्रथा को बढ़ावा देवे का कोई सवाल नहीं उठता। परीक्षा पूरी तरह से 12वीं के सिलेबस पर आधारित होगी। कई छात्रों को आशंका है कि क्या परीक्षा में 11वीं कक्षा से भी प्रश्न पूछे जाएंगे? इसका जवाब है नहीं। राज्य बोर्ड के छात्रों को भी इससे घाटा नहीं होगा।
०जुड़ेंगे निजी विश्वविद्यालय
उन्होंने बताया कि एनटीए आगामी सत्र से सीयूईटी को साल में दो बार आयोजित करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सीयूईटी केवल केंद्रीय विश्विद्यालय तक सीमित नहीं रहेगा। कई निजी विश्विद्यालयों ने इससे जुड़ने की इच्छा जताई है।
०क्यों लिया गया यह निर्णय, क्या होंगे फायदे
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि सीयूईटी के आयोजन से सभी राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए एक समान अवसर मिलेगा। उन्होंने चूंकि सभी राज्य बोर्ड में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का स्तर और मूल्यांकन मानदंड अलग-अलग हैं, जिससे परीक्षार्थियों के प्राप्तांकों में अंतर रहता है। जिन राज्य बोर्ड का रिजल्ट ज्यादा रहता है तो वहां के विद्यार्थी ज्यादा संख्या में दाखिला पाते हैं और जिनका रिजल्ट कम होता है तो वहां विद्यार्थी कम दाखिला ले पाते हैं। ऐसे में सीयूईटी सभी को कक्षा 12वीं एनसीईआरटी (NCERT) के सिलेबस के आधार पर प्रवेश परीक्षा एक परीक्षा समानता को बढ़ावा देगी।