ADITYA MISHRA:
बीरभूम पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट इलाके में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की कथित हत्या के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के लोगों ने लगभग एक दर्जन घरों को आग लगा दिया। आग बुझाने गए दमकल अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि इन घरों से 10 लोगों के जले हुए शव मिले हैं। इनमें दो बच्चे भी शामिल हैं। इस घटना के बाद अब इलाके के वहां से जान बचाकर भाग रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार हिंसा के बाद डरे स्थानीय लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे स्थान जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि, सुरक्षा के मद्देनज़र हम घरों को छोड़कर जा रहे है, हमारे परिजन मारे जा रहे है। पुलिस ने किसी भी तरह की सुरक्षा नहीं दी, सुरक्षा होती तो ये घटना न घटती।
उधर, इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच के लिए एसआइटी गठित की है। राज्य के तीन वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों को एसआइटी का सदस्य बनाया गया है।
राज्यपाल ने ममता पर लगाए गम्भीर आरोप
घटना के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आमने-सामने आ गए हैं। राज्यपाल ने मंगलवार को ट्वीट कर इस घटना को भयावह करार देते ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह इस बात का संकेत है कि राज्य हिंसा एवं अराजकता की संस्कृति की गिरफ्त में है। साथ ही यह घटना राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का संकेत है। इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव से शीघ्र ही इसके संबंध में जानकारियां भी मांगी है।
Horrifying violence and arson orgy #Rampurhat #Birbhum indicates state is in grip of violence culture and lawlessness. Already eight lives lost.
Have sought urgent update on the incident from Chief Secretary.
My thoughts are with the families of the bereaved. pic.twitter.com/vtI6tRJcBX
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) March 22, 2022
राज्यपाल ने ट्वीट के साथ एक वीडियो संदेश भी जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, प्रशासन को दलीय हित से ऊपर उठने की जरूरत है जो आगाह किए जाने के बाद भी हकीकत में नजर नहीं आ रही है। पुलिस से इस मामले की जांच पेशेवर (Professional Investigation) ढंग से करने का आह्वान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव को इस घटना के बारे में तत्काल उन्हें जानकारियां भेजने को कहा है।
दूसरी ओर, राज्यपाल के इस ट्वीट पर ममता ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए आलोचना की है। ममता ने राज्यपाल को दो पन्ने का पत्र लिखकर निष्कर्षों से पहले इस तरह के आरोपों को बेहद पीड़ादायक व दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि राज्यपाल इस प्रकार के अनुचित बयानबाजी से बचें। साथ ही, राज्य की मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रही ममता बनर्जी ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में कहा कि ‘प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने दीजिए।’ इस पत्र में बनर्जी ने लिखा, ‘यह बहुत दुख की बात है कि आपने 21 मार्च को रामपुरहाट में हुई घटना जिसमें कई लोगों की जान गई, उसे राज्य की क़ानून व्यवस्था पर व्यापक और अनावश्यक टिप्पणी करने के लिए चुना।”
०बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के रामपुरहाट में हुई हिंसा (#RampurHat, #Birbhum) में एक दर्जन लोगों के मारे जाने पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
राज्य में विपक्ष के नेता और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना को ‘बर्बर नरसंहार’ बताते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि राज्यपाल ने घटना की निंदा की और मुख्यमंत्री ने राज्यपाल की निंदा की है। इस घटना के बाद ममता बनर्जी को अपने पद पर बने रहना ठीक नही, उन्हे तत्काल इस्तीफा देना चहिए।
वहीं राज्य के दूसरे बीजेपी नेता और बैरकपुर से लोकसभा सांसद अर्जुन सिंह ने कहा है कि यह क़ानून-व्यवस्था की नाकामी है और बेगुनाह लोग मारे जा रहे हैं। अर्जुन सिंह ने कहा, “पुलिस भी राज्य की जनता की मदद नहीं करती है। टीएमसी नेता आपस में लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तुरंत इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता (Congres Leader) मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Khadge) ने कहा है कि वो इस घटना पर पहले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी से बात करेंगे और फिर टिप्पणी करेंगे।
बुधवार को सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल घटनास्थल पर पहुंचा है।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के बीजेपी सांसदों ने बुधवार को संसद के बाहर इस घटना के ख़िलाफ़ तख़्तियां लेकर प्रदर्शन किया।
बालुरघाट से बीजेपी सांसद डॉक्टर सुकांता मजूमदार (Sulanta Majumdar) ने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया। मजूमदार के नेतृत्व में कल बीजेपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला था और इस घटना के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद बुधवार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय (MoH India) में ममता बनर्जी सरकार से तत्काल घटना का जवाब मांगा है।