पाकिस्तानी सीमा में गिरे भारतीए मिसाइल प्रकरण में भारत के जवाब से संतुष्ट नहीं है पाकिस्तान, दे दिया परमाणु की गीदड़भभकी
9 मार्च की संध्या तकनिकी खराबी के कारण भारत का एक मिसाइल पाकिस्तानी सीमा में 150 किलोमीटर अंदर गिरा, भारत ने इसपर खेद जताया था और जांच का आश्वासन दिया था। पाकिस्तान ने ये भी कहा है कि भारत की ओर से आंतरिक अदालत के माध्यम से इस घटना की जांच करने का फ़ैसला अपर्याप्त है।
Aditya Mishra:
पाकिस्तानी सीमा में गिरे भारतीए मिसाइल मामले को पाकिस्तान वैश्विक मुद्दा बनाना चाह रहा है। भारत के खेद प्रकट करने और जांच के आश्वासन के वावजूद पाकिस्तान इस मामले में भारत का गला छोड़ने को तैयार नहीं है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रक्षा मामलों के सलाहकार मोईद यूसुफ़ ने 11 मार्च को ट्विटर पर अपने बयान में कहा कि 40 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर एक सुपरसोनिक मिसाइल (Supersonic Missile) पाकिस्तान की सीमा में आया। इस मिसाइल के प्रक्षेपण के बाद, भारत को यह बताने में दो दिन लग गए कि मिसाइल तकनीकी खराबी या ग़लती से प्रक्षेपित हुआ है। मोईद यूसुफ़ (MOIED यूसुफ) ने अपने बयान में पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, कि भारत में इस समय एक फासीवादी विचारधारा को अपनाया जा रहा है, जिसके तहत 2019 में पाकिस्तान पर हमला करने का प्रयास भी किया गया था।
गौरतलब है कि मामला 9 मार्च के संध्या की है लेकीन भारत ने इसपर अपनी सफाई 11 मार्च को यानि दो दिन बाद दी थी।
इसलिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने फिर से कई सवाल भारत से किए हैं। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि ‘इस घटना ने और भी सवालों को जन्म दिया है जिनका जवाब देना ज़रूरी है।
1. पाक मंत्रालय ने कहा कि भारत स्पष्ट करे कि दुर्घटनावश मिसाइल फ़ायर होने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उसके पास क्या उपाय मौजूद हैं। विशेष रूप से इस घटना के संदर्भ में भारत पाकिस्तान को सूचित करे।
2. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा- पाकिस्तान में जो मिसाइल फायर हुआ उसका विवरण भारत को देना होगा।
3. भारत को यह स्पष्टीकरण भी देना होगा कि मिसाइल किस दिशा में थी उसकी प्रोजेक्टाइल क्या थी और कैसे अचानक इसका रास्ता बदला और पाकिस्तान में कैसे दाख़िल हो गई।
4. क्या नियमित अभ्यास और रखरखाव के दौरान भी भारत में मिसाइलें दाग़ने के लिए हमेशा तैयार रखी जाती हैं?
5. भारत के तरफ से तुरंत यह सूचित क्यों नहीं किया गया कि ग़लती से मिसाइल फ़ायर हुआ है और इस बात का इंतज़ार क्यों किया गया कि पाकिस्तान की तरफ़ से इस घटना की घोषणा की जाएगी और स्पष्टीकरण मांगा जायेगा?
6. इस घटना से भारतीए सेना की अक्षमता दिखती है, भारत यह स्पष्ट करे की हथियारों का नियंत्रण उसी के हाथ में हैं या कोई और उसके सशस्त्र बलों को नियंत्रित कर रहा है?
पाकिस्तान ने बयान में बताया है कि दोनों देशों के बीच कम दूरी और जवाब देने के समय की वजह से किसी भी तरफ से ऐसी किसी घटना का ग़लत मतलब जवाबी हमले के रूप में निकल सकता है, जिसके गंभीर परिणाम होंगे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि परमाणु संपन्न देशों के बीच ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए।
पाकिस्तान ने ये भी कहा है कि भारत की ओर से आंतरिक अदालत के माध्यम से इस घटना की जांच करने का फ़ैसला अपर्याप्त है। इस्लामाबाद का कहना है कि मिसाइल पाकिस्तान की सीमा के भीतर गिरी है, इसलिए इस घटना के तथ्यों का पता लगाने के लिए संयुक्त जांच की जाए। इसलिए जांच में पाकिस्तानी अधिकारियों को शामिल किया जाए।
कई अन्य विशेषज्ञों ने भी इस बारे में कई बयान दिए हैं कि किस तरह परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच इस मामले के बढ़ने पर क्षेत्र में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो सकती है।
भारतीय सैन्य पत्रिका ‘FORCE’ के संपादक प्रवीण साहनी (Praveen Sahani) का मानना है कि पाकिस्तान का इस तरह की बात करना कि दोनों देश परमाणु संपन्न हैं और इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, ये ग़ैर-ज़िम्मेदारी वाला बयान है, और खुले तौर पर धमकी लगती है। इससे और अधिक दहशत फैलाने और झगड़े को तूल देने की कोशिश की जा रही है।’
मीडिया से बात करते हुए प्रवीण साहनी ने कहा “पाकिस्तान ने इस मामले में समझदारी से काम लिया है जो एक लोकतांत्रिक सरकार में होना चाहिए” लेकिन इससे भारत पर उठने वाले सवाल में नरमी नहीं होनी चाहिए और सवाल पूछे जाने चाहिए, लेकिन हथियारों के इस्तेमाल और जवाबी कार्रवाई पर ज़ोर देना ठीक नहीं है।”
पाकिस्तान ने कहा: भारत के बयान को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता
भारत के रक्षा मंत्रालय के बयान पर टिप्पणी करते हुए, सुशांत सरीन ने कहा,”यह एक सरसरी बयान है जिसे तब तक गंभीरता से नहीं लिया जा सकता जब तक कि भारतीय रक्षा मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट न किया जाये कि ऐसा क्यों हुआ। और इस संबंध में होने वाली जांच के परिणाम पाकिस्तान के साथ साझा किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा की “भारतीय डीजीएमओ की हॉटलाइन से भी कोई ख़बर नहीं दी गई।”
ध्यान रहे कि पाकिस्तान और भारतीय सेना के डॉयरेक्टर जनरल मिलट्री ऑप्रेशन (DGMO) के बीच हॉट लाइन संपर्क किसी भी असामन्य स्थिति में तत्काल सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
यह भी कहा जा रहा है कि “हो सकता है कि बैक डोर से या अनौपचारिक तौर पर पाकिस्तान को बताया गया हो। लेकिन अगर ऐसा हुआ भी है, तो भारतीय रक्षा मंत्रालय को साफ़ शब्दों में बता देना चाहिए।”
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पाकिस्तान में 150 किलोमीटर भीतर गिरा भारतीए मिसाइल, जानें क्या हुआ