जान बुझ कर फेक न्यूज़ (Feke News) फैलाने को रूस की संसद ने अपराधिक कृत्य मानते हुए शुक्रवार। 4 मार्च को इससे संबंधित पेश किए गए बिल को मंजूरी दे दी। इस कानून के बनने के बाद रूस में fake news फैलाने पर अब 15 साल तक के सजा का प्रावधान किया गया है।
इसके साथ ही रूस के संचार नियामक (Communication Authority) ने कई विदेशी मीडिया संस्थानों पर यूक्रेन युद्ध को लेकर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाते हुए फेसबुक (Facebook) सहित ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC)
जर्मनी की न्यूज एजेंसी रेडियो डॉयचे वेले (Deutsche Welle) जैसी विदेशी न्यूज कंपनियों की वेबसाइट्स को रूस में प्रतिबंधित कर दिया है।
रूसी अधिकारियों का कहना का है कि यूक्रेन से युद्ध के दौरान अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगी जैसे रूस के दुश्मनों द्वारा उसके खिलाफ फेक न्यूज फैलाई जा रही है, ताकि रूस के नागरिकों के बीच सरकार विरोधी माहौल देश के अंदर ही तैयार किया जा सके।
बता दें कि रूस ने ट्विटर और फेसबुक के बाद अब Youtube पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। इसके पहले ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब ने रूस की सरकारी न्यूज वेबसाइट्स के पहुंच को (reach) को कम कर दिया था और उन पर दिखने वाले विज्ञापनों को सीमित कर उनकी कमाई को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
रूस में बैन लगाए जाने के बाद बीबीसी का कहना है कि फेक न्यूज पर कानून बनने के बाद BBC ने रूस में अपने पत्रकारों को काम करने से रोक दिया है। बीबीसी के महानिदेशक टिम डेवी (Tim Devi) ने एक बयान में कहा, “यह कानून स्वतंत्र पत्रकारिता की प्रक्रिया का अपराधीकरण करने जैसा है।” उन्होंने कहा कि इस कानून के बाद पत्रकारों को अपना काम करने के लिए आपराधिक मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है।
इसके साथ ही ब्लूमबर्ग (Bloomberg) और कनाडा की सीबीसी न्यूज (CBC News) ने भी रूस स्थित अपने पत्रकारों को काम करने से रोक दिया है।