भारत की आवाज दुनिया में मायने रखती है , हम दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र पर भरोसा करते हैं: फ्रांस
फ्रांस के राजदूत ने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी जिम्मेदारी की कमान रखता है। फ्रांस भारत को UNSC में स्थायी सीट दिलाए जाने का प्रबल समर्थक है। भारत की आवाज़ दुनिया में सुनी जाती है
ADITYA MISHRA: UNSC के बाद अब UNGA में भारत के वोटिंग से अलग रहने के फैसले को फ्रांस का समर्थन मिला है।
भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने एक बयान में कहा कि भारत को क्या करना चहिए इसके लिए किसी को कोई सलाह नहीं देनी चहिए। जैसे-जैसे संकट गहराता जा रहा है, भारत से समर्थन का स्वागत किया जाएगा क्योंकि भारत की आवाज दुनिया के लिए मायने रखती है।
India's voice is very important.India aspires to an even larger responsibility in the international fora. My country is a strong supporter of India getting a permanent seat in UNSC.India is a voice that's heard in the world: French Ambassador Emmanuel Lenain#RussiaUkraineCrisis pic.twitter.com/Tl4frHD1Mt
— ANI (@ANI) March 3, 2022
इमैनुएल लेनिन (Emannuel Lenin) ने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर बड़ी जिम्मेदारी की कमान रखता है। फ्रांस भारत को UNSC में स्थायी सीट दिलाए जाने का प्रबल समर्थक है। भारत की आवाज़ दुनिया में सुनी जाती है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर भरोसा करते हैं। भारत ने क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर बयान दिए हैं जिनका हम स्वागत है। फ्रांस के प्रतिनिधि ने कहा, हम यूक्रेन की हर तरीके से मदद कर रहे हैं।यूरोप के सभी देशों ने यूक्रेन को मानवीय सहायता के अलावा उपकरण और हथियार भेजने का फैसला किया है। हथियारों के साथ ही हम यूक्रेन को राजनीतिक समर्थन भी दे रहे हैं। रूस के बैंकिंग संस्थानों पर उल्लेखित समय में अभूतपूर्व प्रतिबंध लगाए हैं।
So, we really count on the largest democracy in the world. India has made statements on respect for territorial integrity which are very welcome: Emmanuel Lenain, Ambassador of France to India#RussiaUkraineConflict pic.twitter.com/Djyz2xT5ja
— ANI (@ANI) March 3, 2022
UNSC के बाद UNGA में भी भारत ने हिस्सा ना लेकर प्रस्ताव से खुद को अलग रखा। इसके पहले भी पीछले हफ्ते भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी रूस के खिलाफ प्रस्ताव से खुद को अलग रखा था। गुरुवार को हुए UNGA के सभा में रूस के पक्ष में स्वयं रूस के अलावा बेलारूस, सीरिया, उत्तर कोरिया (डीपीआरके), इरिट्रिया ने मतदान किया।
भारत के अलग रहने पर उस समय स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति(T S Tirumurty) ने सुरक्षा परिषद में कहा था कि यूक्रेन के हालिया घटनाक्रम से भारत काफी परेशान और आहत है। और वह चाहता है कि हिंसा को अतिशीघ्र समाप्त किया जाए और शांति स्थापित करने के लिएबातचीत का रास्ता अपनाया जाए।
गुरुवार को रूस के खिलाफ 193 देश खड़े दिखे
बता दें कि 193 सदस्यीय महासभा ने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से याद करते हुए, रूस की कड़ी आलोचना की। प्रस्ताव में परमाणु बलों को तैनात करने के रूस के फैसले पर भी UNGA में चिंता जाहिर किया गया तथा परमाणु युद्ध के फैसले की भी निंदा की गई। महासभा में किसी भी प्रस्ताव को पारित कराने के लिए दो तिहाई की आवश्यकता होती है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बेलारूस की भागीदारी की भी निंदा की गई। प्रस्ताव में राजनीतिक वार्ता, मध्यस्थता और अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के तत्काल शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया गया है।