पियूष गोयल ने पीएम मोदी को बताया भारत के “उम्मीदों का सेतु”
ट्विटर पर साझा किए एक तस्वीर में पीयूष गोयल ने मोदी के निर्णयों के प्रशंसा में उन्हे भारत के उम्मीदों का सेतु बताया है। "ऑपरेशन गंगा" में सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 20 हजार भारतीयों में से 17 हजार से अधिक को सुरक्षित इवैकुएट कर लिया गया है।
नई दिल्ली,
Aditya Mishra:
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत सरकार अपने नागरिकों के सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस संबंध में उच्च स्तरीय बैठक की थी और चार केंद्रीय मंत्रियों को भारतीय छात्रों को निकालने की कमान सौंपी थी। इस मिशन को पूरा करने वाली अभियान का नाम “आपरेशन गंगा” रखा गया है।
इस बीच गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ग्राफिक तस्वीर को साझा किया है। #ऑपरेशन_गंगा वाली इस तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने, पीएम मोदी को भारत के “उम्मीदों का सेतु” बताया है।
PM @NarendraModi ji, India's 'Bridge of Hope'
#OperationGanga pic.twitter.com/O3hZVPyGGS
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) March 3, 2022
ट्विटर पर साझा की गई इस सांकेतिक तस्वीर में पीएम मोदी नदी में आधे डूबे हुए हैं और वे भारतीय छात्रों के लिए यूक्रेन से भारत वापसी में सेतु का काम कर रहे हैं। जबकि इस तस्वीर में भारत के अलावा तीन अन्य देशों पाकिस्तान, चीन तथा अमेरिका की भी तस्वीरें हैं जहां वे अपने देश की सरकारों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उनके बचाव में उनकी सरकारें कोई काम नहीं कर रहीं है।
इस चित्र में सेतु बने मोदी के हाथों के ऊपर से भारतीय छात्र चढ़कर इंडिया की ओर आ रहे हैं। जबकि पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के छात्र अपनी सरकारों से मदद मांग रहे हैं लेकिन उनकी सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है।
इस इस तस्वीर के माध्यम से सरकार यह बताने की कोशिश कर रही है कि भारत सरकार, अन्य देशों की अपेक्षा आगे आकर अपने देश के नागरिकों की मदद कर रही है।
बता दें कि “ऑपरेशन गंगा” में सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 20 हजार भारतीयों में से 17 हजार से अधिक को सुरक्षित इवैकुएट कर लिया गया है। और बाकियों के घर वापसी के लिए भारत सरकार ने एयरफोर्स और प्राइवेट जेट की भी सहायता ले रही है। हाल ही में कुछ पाकिस्तानी छात्रों की एक वीडियो सामने आई थी जिसमें उन्हे कहते सुना गया था कि हमें पाकिस्तानी होने की सजा मिल रही है। हमसे अच्छे भारतीए छात्र हैं, जिनकी सरकार उन्हें निकाल रही है। वहीं चीन सरकार का अपने देश के छात्रों के प्रति भी ढुलमुल रवैया देखा गया है।