रूस – यूक्रेन संकट: तिरंगे तले हैं तो सुरक्षित हैं!

रूस यूक्रेन संकट के बीच भारत ने फ़ैसला किया की वह अपने नागरिकों को यूक्रेन से स्वदेश वापस लाएगा। इस बाबत यूक्रेन में भारतीए एंबेसी ने अपने एक बयान में बताया कि "भारतीए लोग अपने वाहनों पर तिरंगा लगाएं, आपको रूस या यूक्रेन कोई सेना नही रोकेगी

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रूस यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय लोग वतन आने शुरू हो गए हैं। इस क्रम में कल यानी शनिवार शाम को लगभग 219 यात्रियों को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान मुंबई की एक हवाई अड्डे पर उतरा जहां केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सबका स्वागत किया। यूक्रेन से आए लोगों ने भारत सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमे गर्व हैं कि हम भारतीय हैं।

भारत लौटे लोगों ने बताया कि ‘यूक्रेन में तिरंगा ही उनका सुरक्षा कवच बना है। दूसरे देशों की सीमाओं पर पहुंच रहे छात्रों की बसों और अन्य वाहनों में तिरंगा झंडा लगाया गया है। क्योंकि तिरंगा सुरक्षा की गारंटी है।’

उन्होने ने कहा कि भारत सरकार के आदेश की प्रति भी लगाया गया है। तिरंगे को देखकर रूसी सेना के जवान सम्मान कर रहे हैं और छात्रों को हिफाजत के साथ उनकी मंजिल की ओर रवाना कर रहे हैं। भारतीय झंडे वालों को सुरक्षित निकालने में रूसी सेना भी मदद कर रही है। छात्र आशीष नौटियाल ने बताया कि भारतीय झंडा लगा देख बसों को ससम्मान और बेरोकटोक जाने दिया जा रहा है।

यूक्रेन के ओडेसा शहर से भारतीय समयानुसार शाम छह बजे बस में रोमानिया बॉर्डर की ओर निकल गए हैं। घर वापसी की उम्मीद जगी है। राहत तो मिली है, लेकिन बस में 12 घंटे का मुश्किल सफर तय करना है।’ एक मीडिया संस्थान से शनिवार शाम को फोन पर बातचीत में देहरादून के सहस्रधारा रोड निवासी विदित चौहान ने बताया कि वह और उनके साथ करीब 300 अन्य भारतीय मूल के छात्र ओडेसा से यूक्रेन बॉर्डर के लिए निकल रहे हैं। यहां से बसें लगाई गई हैं। उनकी बस में 50 लोग सवार हैं। यहां से पहले रोमानिया बॉर्डर पहुंचना है। वहां से फिर रोमानिया में भारतीय एंबेसी पहुंचना है। रोमानिया से एयर इंडिया की फ्लाइट से भारत भेजने की सूचना मिली है।

आशीष ने बताया कि यूक्रेन से रोमानिया पहुंचने के बाद वहां भारतीय दूतावास (indian Ambassy) सपोर्ट कर रहा है। वहां रुकने की भी व्यवस्था है। कोई तत्काल जाना चाहता है तो उसे भेजा भी जा रहा है। रोमानिया में दो दिन तक रुकने की व्यवस्था की गई है। खाने की भी व्यवस्था की गई है।

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