घर बैठ शिक्षा के लिए जानें क्या व्यवस्था कर रही है सरकार

बजट में सरकार ने 200 टीवी चैनल खोलने की ओर तेजी से काम कर रही है, जानें और डिटेल

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आदित्य मिश्रा,

कोरोना के पहली लहर के दौरान मजबूरी में अपनाया गया ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था आज सबसे महत्त्वपूर्ण जरुरत बन गया है।
इसको लेकर इस वर्ष बजट में भी 200 नए टेलीविजन चैनलों को खोलकर ऑनलाइन शिक्षा को और अधिक व्यापक और सहज बनाने का प्रावधान किया गया है।
अलग अलग क्लासेस में पढ़ रहे छात्र घर बैठे ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पा सके उसके लिए यह एक अहम जरिया भी बन गया है।

यही वजह है कि सरकार इस दिशा में तेजी से बढ़ने को तत्पर है। और इस दिशा में पहले से ही काम शुरु हो चुका है। इसके तहत अगले दो से तीन महीनों में करीब सौ टीवी चैनलों को शुरु करने की तैयारी भी है।

इनमें कई ऐसे चैनल भी हैं जिनसे स्कूली शिक्षा के साथ साथ व्यावसायिक शिक्षा को भी शुरु करने की योजना है। जिसके जरिए सिर्फ व्यवसायिक शिक्षा की ही पढ़ाई कराई जाएगी।

इसी तरह से उच्च शिक्षा के लिए भी करीब 50 चैनेल शुरु किए जाएंगे, जबकि व्यवसायिक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के लिए भी कुछ समर्पित (dedicated channels) चैनलों को शुरु करने की योजना है।

पहली से बारहवीं तक के लिए होंगे अलग अलग समर्पित चैनल

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा समय में पीएम- ईविद्या (PM eVidya) योजना के तहत बारह टीवी चैनल संचालित किए जा रहे है। इनमें पहली से बारहवीं तक के लिए एक-एक समर्पित चैनल है। वैसे तो इसे काफी पहले ही शुरु होना था लेकिन विषय वस्तु तैयार होने में देरी के चलते इसे काफी देरी से शुरु किया गया था। हालांकि इस विषयवस्तु (Content) को दूसरी भाषओं में अनुवाद कर तेजी से लाने की तैयारी तेजी से हो रही है।

शिक्षा मंत्रालय, आनलाइन और डिजिटल शिक्षा को विस्तार देने में तेजी से जुटा है।

शिक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए डिजिटल शिक्षा एक उपयोगी पहल है। वैसे भी मौजूदा समय में जिस तरह से ज्यादातर स्कूलों में गणित, विज्ञान सहित दूसरे वैकल्पिक विषयों के शिक्षक नहीं है उनमें छात्रों को देश के सबसे बेहतर शिक्षकों से पढ़ने का मौका मिलेगा। इस पहल की सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को मिलेगा, जो अभी बेहतर स्कूलों की पहुंच से दूर है। अब वह घर बैठे ही टीवी चैनलों के माध्यम से पढ़ाई को जारी रख सकेंगे। इसके लिए इंटरनेट आदि की भी अनिवार्यता नहीं रहेगी।

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