नींव लेइंग फाउंडेशन और सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा विनिमय कार्यालय ने मिलाए हाथ।
भारत और कोरिया के बीच शिक्षा के क्षेत्र में नया समझौता,
आज शिक्षा जगत में एक बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार के गया जिले में स्थित नींव लेइंग फाउंडेशन (नींव) और दक्षिण कोरिया के सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा एक्सचेंज कार्यालय (SCNU OIAE) के बीच एक ऐतिहासिक साझेदारी समझौता ज्ञापन (MOU) और समझौता अनुबंध (MOA) — पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस अवसर पर सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के डीन और अंतरराष्ट्रीय मामलों के निदेशक प्रोफेसर कांग शीनवॉन (Prof Kang Shin Won) स्वयं गया पहुंचे और आशा सिंह मोड़ स्थित नींव लेइंग फाउंडेशन के परिसर में औपचारिक कार्यक्रम के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पहले समझौते यानी MOU का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और छात्रों को वैश्विक स्तर पर अध्ययन के नए अवसर उपलब्ध कराना है। इसके अंतर्गत छात्रों की नामांकन , कोरियाई भाषा का प्रारंभिक प्रशिक्षण और विदेश जाने से पहले व बाद में आवश्यक समर्थन व जानकारी प्रदान की जाएगी। सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय विशेष रूप से भारत में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की प्रवेश को बढ़ावा देगी और छात्रों को कोरियाई भाषा शिक्षा तथा विश्वविद्यालय में प्रवेश संबंधी विस्तृत जानकारी भी प्रदान करेगी। वहीं नींव लेइंग फाउंडेशन भारत में योग्य छात्रों की पहचान कर उन्हें आवश्यक प्रारंभिक प्रशिक्षण व विदेश अध्ययन के लिए तैयार करेगा, और छात्रों के सतत प्रबंधन की भी जिम्मेदारी लेगा
वहीं, MOA के तहत नींव लेइंग फाउंडेशन को सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कोरियाई भाषा संस्थान का आधिकारिक साझेदार संस्थान घोषित किया गया है। इसका उद्देश्य नींव के छात्रों के लिए सुनछन यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया को सरल बनाना है।
समझौते की शर्तों के अनुसार, नींव के छात्र, जो SCNU OIAE द्वारा निर्धारित प्रमाणन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे, उन्हें सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के कोरियाई भाषा संस्थान से 400 घंटे के कोर्स के समापन का प्रमाण पत्र मिलेगा। नींव फाउंडेशन सत्र शुरू होने से पहले छात्रों की जानकारी विश्वविद्यालय को प्रदान करेगा और प्रशासनिक सहयोग भी सुनिश्चित करेगा।
छात्रों को कोरिया में प्रवेश, वीज़ा प्रक्रिया, स्थानीय जीवन और आंशिक रोजगार के अवसरों के बारे में भी सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय (SCNU) द्वारा सहयोग दिया जाएगा। मेधावी छात्रों के लिए डिग्री कोर्स में प्रवेश का भी मार्ग प्रशस्त होगा, जहां उन्हें आंशिक या पूर्ण छात्रवृत्ति भी दी जा सकती है। खास बात यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों को कोरिया में उच्च शिक्षा के अवसर भी मिलेंगे।
यह सहयोग न केवल भारतीय छात्रों के लिए वैश्विक शिक्षा के नए रास्ते खोलेगा, बल्कि भारत और कोरिया के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक संबंधों को भी और अधिक मजबूत करेगा।
मुख्य अतिथियों में शामिल थे:
प्रोफेसर कांग शीनवॉन (डीन और निदेशक, अंतरराष्ट्रीय मामलों एवं शिक्षा कार्यालय, सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय)
श्री सोन मंगप (कोऑर्डिनेटर, अंतरराष्ट्रीय मामलों एवं शिक्षा कार्यालय, सुनछन राष्ट्रीय विश्वविद्यालय)
श्री अमितेश कुमार सिदार्थ (सीईओ, नीव लेइंग फाउंडेशन)
श्रीमती स्वाति दास (निदेशक, नींव लेइंग फाउंडेशन – विदेशी भाषाएँ)
श्रीमती यमखमी रिसोम (निदेशक, नींव लेइंग फाउंडेशन – विदेशी भाषाएँ)
श्री अभिषेक कुमार सिदार्थ (संयोजक, नींव लेइंग फाउंडेशन, विदेशी भाषाएँ)
विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे:
श्री आशुतोष कुमार रंजन (कार्यपालक अभियंता, बिहार सरकार)
श्री रामाशीष (लेक्चरर, जे पी विश्वविद्यालय, सारण)
श्री बमबम कुमार (कार्यपालक अभियंता, असैनिक, S.B.P.D.C.L)
इसके अलावा कई गणमान्य अतिथि, विद्वान प्रोफेसर और छात्र भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रोफेसर कांग शीनवॉन ने छात्रों के साथ संवाद भी किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा, करियर के अवसरों और विदेश में अध्ययन की संभावनाओं पर प्रेरणादायक बातें साझा की। छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक सवाल पूछे और इस संवाद सत्र का भरपूर लाभ उठाया।