एनटीपीसी आरआरबी परीक्षा मामले में आंदोलनरत छात्रों की हुई जीत, रेलवे ने सभी मांगों को मानने का किया वादा
आरआरबी की अपील छात्र आंदोलन खत्म कर वापस घर जाएं और पढ़ाई करें
कई हफ्तों से चल रहे छात्र आन्दोलन पर आज विराम लग गया है। पटना के प्रसिद्ध जीएस शिक्षक और खान कोचिंग संस्थान के संचालक फैजल खान ने अधिकारियों से बातचीत के बाद इस बात की पुष्टि की है। बोर्ड से छात्रों से कहा है की आपकी सभी बातों को मान कर उसी के अनुसार जो भी उचित होगा किया जायेगा। अंदोलन में शमिल शिक्षकों ने कहा कि इसके बाद उम्मीद की जा सकती है की छात्र अब अंदोलन समाप्त पुनः अपने पढ़ाई में लग जायेंगे।
क्या था पुरा मामला
अंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि आरआरबी ने 2019 में एनटीपीसी ग्रुप डी के 35000 पदों पर बहाली की वैकेंसी निकाली थी। जिसकी परीक्षा दो साल बाद सितंबर, 2021 में हुई और इस रिजल्ट में भी कई तरह की धांधली हुई है। छात्रों का आरोप है कि परीक्षा को अंतिम समय में दो स्तरीय बना दिया गया है। प्रदर्शनकारी छात्रों के मुताबिक रेलवे भर्ती बोर्ड का परीक्षा को दो स्तरीय करने का फ़ैसला मनमाना है और यह फ़ैसला अंतिम समयमें लिया गया है। छात्रों की मांग है कि ग्रुप डी की बहाली की प्रक्रिया को पहले की तरह एक ही चरण में ली जाए, जैसा की 2019 में दौरान नोटिफिकेशन में जारी किया गया था। मंगलवार को अभ्यर्थियों ने राज्य भर के विभिन्न शहरों में जमकर हंगामा किया। नालंदा, जमुई, नवादा, सीतामढ़ी, बक्सर, आरा और मुजफ्फरपुर के आलावा राजधानी पटना में रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन हुए।
क्या कह रहा रेल मंत्रलय
रेलवे ने छात्रों के तमाम आरोपों को ख़ारिज किया है और कहा है कि “रेल भर्ती बोर्ड (आरआरबी) सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रेलवे की नौकरी के आकांक्षी उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे गुमराह न हों या ऐसे तत्वों के प्रभाव में न आएं, जो अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए उनका इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।”
रेलवे ने बुधवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों को को चेतवानी भी दी। बयान में रेलवे के तरफ से कहा गया है कि “संज्ञान में ये बात आई है कि रेलवे की नौकरी के आकांक्षी उम्मीदवार गैरकानूनी गतिविधियों जैसे कि रेल की पटरी पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान उत्पन्न करने और रेल की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने आदि गतिविधियों में शामिल हैं। ऐसी गतिविधियां अनुशासनहीनता का उच्चतम स्तर है। “बयान में आगे कहा गया है, “विशेष एजेंसियों की सहायता से ऐसी गतिविधियों से संबंधित वीडियो की जांच की जाएगी। गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल उम्मीदवारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी, साथ ही उन्हें रेलवे की नौकरी प्राप्त करने के संबंध में आजीवन प्रतिबंधित भी किया जा सकता है।”
आदित्य मिश्रा